Tur Kalleyan

Tur Kalleyan

Arijit Singh, Shadab Faridi, & Altamash Faridi

Альбом: Laal Singh Chaddha
Длительность: 5:39
Год: 2022
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Текст песни

लम्हों में आये लम्हों में गुम
मेरे हुए हो हिस्सों में तुम
है ज़िंदगी के किस्से कई
मिलते हो सारे किस्सों में तुम

तू आपे सवाली है
आपे ही पयम्बर है
तू खुद है तमाशा भी
आपे ही कलंदर है

बेकार तलाशे तू
दरगाह में शिवालों में
जिस यार को तू ढूंढें
वो तेरे ही अंदर है

बनी हिज्र में रातां अंगीठियां
बता कोयले वर्गा जल-भून कर
तैनू की मिलिया

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां
तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां
तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां
तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां तुर कल्लेयां

हो लिख ले इस बात को सच्चा दिलदार तो
वही है जो दिलबर को आज़ाद कर सके
जिसके हाथों हुआ दिल चकना चूर हो
उसी यार को सजदे में याद कर सके

हो लिख ले इस बात को सच्चा दिलदार तो
वही है जो दिलबर को आज़ाद कर सके
हो जिसके हाथों हुआ दिल चकना चूर हो
उसी यार को सजदे में याद कर सके

ऐसे शख्स के आंसू की बूँद से
बियाबान बंज़र से
रेगिस्तान में भी गुल्ल खिलेया

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

इश्क़ है तेरा मस्ताना
हर फ़िक्र से बेहिस बेगाना
तू पाक परिंदा परवाज़ी
चल तोड़ के पिंजरे उड़ जाना

जिस ओर ज़मीन से अम्बर मिलिया
सुर्ख शफक सूरज ढलेया
वहीँ यार फकीरे मंज़िल तेरी
छड़ जग नु चल तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां

तुर कल्लेयां वे छल्ला
चल वे तुर कल्लेयां
छड़ रंज दियां गलियां
चल वे तुर कल्लेयां