Jai Ho Jai Ho Shankara
Hansraj Raghuwanshi
4:37कितना रोकूं मन के शोर को ये कहाँ रुकता है के शोर से परे उस मौन से मिलना है मुझे शिव से भी नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है अपने अहम् की आहुति दे जलना हैं अपने अहम् की आहुति दे जलना हैं मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है क्यूँ मुझे किसी और के कष्टों का कारण बनना हैं चाँद और शीश सुशोभित उस चाँद सा शीतल बनना है क्यूँ मुझे किसी और के कष्टों का कारण बनना हैं चाँद और शीश सुशोभित उस चाँद सा शीतल बनना है उस चाँद सा शीतल बनना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है जितना मैं भटका उतना मैला हो आया हूँ जितना मैं भटका उतना मैला हो आया हूँ कुछ ने हैं छला मोहे कुछ को मैं छल आया हूँ कुछ को मैं छल आया हूँ मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है मुझे शिव से नहीं शिव में मिलना है