Main Shiv Ka Shiv Mere
Hansraj Raghuwanshi
4:54दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू दर्द ना कहु मै किसे से बस तोहसे बाटू दर्द ना कहु मै किसे से बस तोहसे बाटू मुझको सताए जो आके कभी दर्द बस नाम है तेरा लेना गम मेरे हर के तू ओ मेरे बाबा बस खुशिया मुझको तू देना तेरा ही नाम लेके मै बाबा रोज चलता रहता हु श्यामा प्रीत मै तोहसे लगा बैठा हु श्यामा प्रीत मै तोहसे लगा बैठा हु बाबा प्रीत मै तोहसे लगा बैठा हु शीश जो माँगा हरी ने एक बार में दे डाला कलयुग में रूप हरी का लेके संसार को पाला शीश जो माँगा हरी ने एक बार में दे डाला कलयुग में रूप हरी का लेके संसार को पाला हारे का तुम ही केवल हो एक सहारा जिसका न कोई जगत में श्याम हमारा तेरी बदौलत हर कष्ट रोज हँसते हुए ही तो सहता हूँ श्यामा प्रीत में तोसे लगा बैठा हूँ श्यामा प्रीत में तोसे लगा बैठा हूँ बाबा प्रीत में तोसे लगा बैठा हूँ तीन बाण धारी हारे युद्ध के सहाये शीश से बाबा तुम शीलगूल कहलाये तीन बाण धारी हारे युद्ध के सहाये शीश से बाबा तुम शीलगूल कहलाये माता मुरीद के हो राजदुलारे कृष्ण कन्हैया के भी हो अति प्यारे एक तुम ही श्यामा मेरे हो बाकि सबको पराया मै कहता हूँ श्यामा प्रीत में तोसे लगा बैठा हूँ श्यामा प्रीत में तोसे लगा बैठा हूँ बाबा प्रीत में तोसे लगा बैठा हूँ