Koi Patta Bhi Hila (Part - 1)
Mohd. Aziz | Kavita Krishnamurthy
6:38बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी हैं बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी हैं खो नहीं जाना खो नहीं जाना रात बड़ी तूफ़ानी हैं बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी हैं खो नहीं जाना रात बड़ी तूफ़ानी हैं बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी हैं दोनों तरफ वही दिल की लगी हैं तू भी कहे क्या मैं भी कहु क्या तू भी कहे क्या मैं भी कहु क्या सोले की तुम दीवार खड़ी हैं तुम भी करे क्या मैं भी करूँ क्या तुम भी करे क्या मैं भी करूँ क्या अंदर आग लगी हैं बहार पनि हैं खो नहीं जाना रात बड़ी तूफ़ानी हैं बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी हैं बहार जो तूफा हैं वही अब सीने के अंदर लगता हैं हो ओ ओ बहार जो तूफा हैं वही अब सीने के अंदर लगता हैं कल से न पटने के बाद में के चुनरी कैसा डर लगता हैं डर लगता हैं जनम जनम की रात बड़ी तूफ़ानी हैं खो नहीं जाना खो नहीं जाना रत बड़ी तूफ़ानी हैं बरखा रुत भी आज अजब मस्तानी हैं खो नहीं जाना खो नहीं जाना रत बड़ी तूफ़ानी हैं